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लेखनी प्रतियोगिता -18-Sep-2022


देखो क्या लिखा है अखबारों में
क्या चर्चा फैली है समाचारों में
दुष्कर्म किया फिर हत्या कर दी
इतनी गिरावट आई नैतिक आधारों में।

क्यों मानवता के नयन हुए आज गीले हैं
क्यों सबको शंका सबके चेहरे पीले हैं
क्यों पाप को ससमय दण्ड भी नहीं मिलता है
क्यों बन्धन संविधान के इतने ढीले हैं।

ये और किसी की नहीं ये शुद्ध हमारी गलती है
हम उन चिन्हों से भटक गए जिनपर मानवता चलती है
हम छोड़ के अपने मूल्यों को फैशन में ऐसे अटक गये
ये सारी दुनिया आज पाप से जलती है।

हमने पुरखों की शिक्षाओं का अपमान किया है
टी वी मोबाइल को हद से ज्यादा स्थान दिया है
हम भूल गए ऋषियों को वेदों उपनिषदों को
और नङ्गे अश्लील फिल्मी भांडों को सम्मान दिया है।

ये मांग है समय की अब तो आंखें खोलो
इस गन्दगी भरी स्थिति पर चिल्लाकर बोलो
टी वी मोबाइल को थोड़ा सीमित ही रखो
आने वाली पीढ़ी में संस्कार पुराने घोलो।

दिलों में दीप जलाओ तो कोई बात बने
आग से आग लगाओ तो कोई बात बने
मैंने कोशिश की है कुछ को जगाने के लिए
तुम भी औरों को जगाओ तो कोई बात बने ।

देनिक प्रतियोगिता हेतु
मौलिक रचना



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15 Comments

Pratikhya Priyadarshini

22-Sep-2022 08:35 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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Abhinav ji

19-Sep-2022 10:37 AM

Nice👍

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Anshumandwivedi426

19-Sep-2022 05:59 PM

Thanks

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Gunjan Kamal

19-Sep-2022 09:17 AM

वाह बहुत खूब

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Anshumandwivedi426

19-Sep-2022 10:12 AM

आभार आपका

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